हथिनी की मौत

पहलवान के चेहरे को देख मुझे पूछना पड़ा -क्या बात हो गयी भइये।पहलवान बोला -चचे आज मै दुखी भी हुँ और क्रोधित भी ।छंगू बाबू बोले -भइये तुम्हारे साथ हम भी है लेकिन बताओ तो  मामला क्या है ।।पहलवान ने  एक लंबी सांस ली और बोला -चचे केरल की एक हाथनी की मौत की खबर ने मुझे व्यथित कर दिया है ।मै दुखी भी हुँ और क्रोधित भी ।छंगू बाबू बोले -मेने भी यह खबर पड़ी है और इस खबर ने मुझे अंदर तक हिला कर रख दिया । पता नहीं कैसे कैसे लोग है इस दुनियाँ में । मेने कहा -भैये एक बात बताओ   हाथियों की  हत्या शिकार के नाम पर बरसो से होती आ रही है  । फिर बहमूल्य हांथी दांत के लिए हाथियों को मारा जाता है । तब तो तुम कुछ नही कहते अब हाथीनि के लिए  आज टसुए बहा रहे हो । ये तो पूरी नॉटंकी हुई । पहलवान बोला -चचे बात की बाते है ।मुंझे अच्छा नही लगा बस अपनी वेदना प्रगट कर दी ।इसमे नॉटंकी वाली बात कहां हो गयी और फिर में कोई नेता नही अभिनेता नही मुझे कोंन सा लालच है ।
      पहलवान सचमुच दुखी था ।मेने उसकी आँखों मे गीलापन देखा था ।बड़ा भोला था हमारा पहलवान ।देखने मे पहलवान अच्छा खासा पठ्ठा था ।लेकिन बड़ा सम्मान करता था दुसरो का शायद इसीलिए पुर मोहल्ले में लोकप्रिय था ।
        आज काफी दिनो बाद हमारी गप-शप चालु हुई थी ।कोरोनो के कारण लॉक डाउन में थोड़ी ढील मिलने पर हम लोगो ने भी इकठे होने का फेसल लिया ।सामाजिक दूरी और मास्क का प्रयोग करते हमारी गप शाप चालू हो गयी ।
     छंगू बाबू बोले -,भाई साहब भइये सही कहते है ।हमे भी वेदना हुई जिस प्रकार हथिनी की हत्या की गयी ।इससे ज्यादा कष्ट हुआ कि हत्या के लिए क्रूर तरीका अपनाया गया ।इतना घृणित कार्य हम तो सौच कर घबरा जाते है ।पहलवन बोला .-चचे इसीलिए मुझे दुखः भी हुआ और क्रोध भी आया ।इतनी गुस्सा आयी कि पता नहीं क्या कर दूं ।अगर वो हत्यारा सामने आ जाये तो उसका कचूमर निकाल दूँगा ।छंगू बाबू बोले -यह भावना सिर्फ तुम्हारी ही नही हम सभी वन्य प्रेमियों की है ।मेने कहा -देख लेना ऐसे घृणित कार्य करने वालो को कड़ी सजा मिलेगी ।इस पर पहलवान हँसा बोला-चचे केसी बाटे करते हो अगर दंड ही मिल रहा होता तो वन्य जीव ऐसे भयानक रूप से नही मारे जाते आप देखलो इसी का परिणाम है एक भूखी हथिनी को बारूद से भरा अनन्नास खिला दिया और फिर विस्फोट कर दिया ।चचे ये कोई सामान्य बात नही है और मै सीना तान के कह सकता हूँ यह सब शिकार माफिया की कारिस्तानी है और यह कहने में कोई शर्म नही की  सब कुछ मिला जुला प्रोग्राम है ।छंगू बाबू बोले -जो भी हो सरकार ने तो नही लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे स्वतः ज्ञान में लेकर कार्यवाही शुरू कर दी है और जब सुप्रीम कोर्ट कार्यवाही कर रहा है तो मानना पड़ेगा कि अपराधी को जरूर सजा मिलेगी ।पहलवान इससे संतुष्ट नही था । यद्यपि उसने कोई टिप्पणी नही की मगर मुँह बिचका दिया ।छंगू बाबू बोले -भाई साहब मेँ सोचता हुँ  हथिनी की हत्या करने वाला केसा होगा ? केसी होगी उसकी मानसिकता ।जिस बात को सोच कर हमरा दिल कांप जाता है उसने आसानी से सब कुछ क्रूरतापूर्वक कर डाला ।पहलवान बोला -पता नही हमारे देश मे क्या हो रहा है ।मुझे तो आश्चर्य हुआ वे लोग कहाँ छुप गए जो गोवंश की हत्या पर आसमान हिला देते थे ।सीना ठोकते थे और मारा काटी की धमकी देते थे ।ठीक है गाय हमारी माता हे तो हाथी भी कुछ न कुछ तो लगते ही होंगे  ।ये तो साक्षात गणेश जी है । छंगू बाबू  बोले-भइये -तुम्हे जो सोचना है सोच लो ।आंसू टपकाने है टपकालो मगर ये जी तथाकथित राजनैतिक धार्मिक संगठन है यह अपने नफा नुकसान के हिसाब से काम करते है । हाथनी कि मोत से इन्हें क्या फर्क पड़ता है साहब ।समर्थन करेंगे तो बहनजी फालतू में क्रेडिट ले लेगी । पहलवान बोला -इतनी शर्मनाक घटना घट गई और कोई नेता कुछ नही बोला ।छंगू बाबू बोले -बोली तो है मेनका गांधी ।उन्होंने तो राहुल गांधी की चुप्पी पर सवाल उठाए ।जवाब में वाम पंथी बुद्धिजीवियों ने पलटवार किये । तब मैदान में भाजपाई भक्त भी उतर आए और करने लगे केरल की कम्युनिस्ट सरकार के खिलाफ आरोप लगाने ।देखते ही देखते  फिर बात घुमते घूमते  तू तू में में पर उतर आई और अब  हथिनी का मुद्दा कही दूर जाकर गुम हो गया ।पहलवान बोला -चचे ये तो होना ही था और ऐसा ही हमेशा से होता आया यह कोई नई बात नही ।कुछ दिनों बाद इस हत्या को  शायद लोग भूल जाएंगे बस हम जैसे वन्य जंतु प्रेमी केतली में उबलते पानी की तरह घुप घुप करते रह जाएंगे । मेने कहा -इतना क्या कम है कि आप वन्यजीवों से प्रेम करते है और ऐसे लाखो लोग है अपने देश में । छंगू बाबू बोले   - ये वन्यजीव प्रकृति की देन है जिनके सौंदर्य का जवाब नही ।प्रकृति का सौंदर्य इनके बिना अधूरा है । लेकिन कुछ लोग लोभ मे इसे अंधाधुंध  खत्म कर रहे है ।इस प्रकार  इंसान और प्रकृति दोनों को बर्बाद कर रहे है ।इस पर पहलवान कुछ कहना चाह रहा था लेकिन हमेशा की तरह छुट्टन बीच मे टपक गया ।उसके हाथों में ट्रे थी और ट्रे में गरम गरम समोसे ।समोसों की महक 3 महीने बाद मिली थी शक्ल तो आज देखी ।छुट्टन बोला ;लल्लो हलवाई ने आज ही दुकान खोली और में आप लोगो की सेवा आज ही ले आया । छुट्टन ने टेबिल पर ट्रे रख दी  मेने देखा पहलवान तो चालू हो गया  छंगू बाबू भी पीछे नही रहे अब में अकेला पीछे क्यों रहता में भी लाइन में लग गया । पेट पूजा के आगे गपशप कैसी ।

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