पहलवान के किस्से . पहलवान गपशप के लिए....

हमेशा की तरह पहलवान मेरै  पास  गप शप  के लिये बैठे थे। आज की बात यह थी कि मोहल्लै  के नारद छंगू बाबु भी गप शप मे शामिल थे। वे अभी कुछ दिनों  पहले ही सरकारी नोकरी से रिटायर हुए थे सो फालतू थे और अभी उनका करंट बना हुआ था। उनसे भी मेरी  अच्छी पट  जाती थी सो अकसर मेरे पास चले आते थे। बात पहलवान ने शुरू की-चचे ये  बहनजी क्या कह रही है  कि मोदी जी ने बेईमानी करके चुनाव जीता  है। मशीनों मे  गड़बड़ कर दी और एसी सेटिंग करदी कि सबरे वोट कमल पर ही लगे वरना मुस्लिम बहुल इलाको में कमल कैसे खिल गया ? इस पर छंगू  बाबू बोले -भयै बहनजी को आघात लगा है  की उनकी सोच और सेटिंग कैसे फ़ैल हो गयी। उन्हे ही नहीं सम्प्रदाय जाति वर्ग की राजनीती करने वालो को भी खूब जोर का झटका लगा है । जो नेता काम धाम नहीं करते बस आलोचना और उन्माद के सहारे अपनी दुकान चलाते  है वे भी गच्चा खा गये। मैने अपनी बात कही -मशीनों मे  गड़बड़ी की बात मेरे गले नहीं उतरती हमने भी कई चुनाव  कराये है और अपने अनुभव से कह सकता हूँ की मशीनों मे  गड़बड़ नहीं की जा सकती है।अब कहने वाले कुछ भी बकते रहे.लिखने वाले कुछ भी लिखते रहे। सब बकवास ही है।   पहलवान बोला -तो इसका मतलब ? छंगू बाबु बोले कि इसका मतलब करारी हार को  को स्वीकार न करना है । वास्तविकता तो यह कि जनता ने उन्हे बुरी तरह नकार दिया है या यूँ कह लो पिछाड़ी पर एसी दुलत्ती लगायी है कि बरसो याद रहेगी।  पहलवान ने शंका जाहिर की  कहा -और  पंजाब मे  ? छंगू  बाबु बोले -वहाँ केजरीवाल मानसिक संतुलन खो बैठे। बहनजी की तरह वह भी अनाप शनाप बोलने लगे। वहाँ  तो कमल नहीं खिला था। पहलवान बोला। और जे  जो कह तरहे है की बैलेट पेपर से चुनाव कराय जाये वो ?छंगू बाबु बोले -भाई हमने  बैलेट पेपर  से भी  चुनाव कराये है तब भी एसी बाते कही जाती थी। एक बार जब कांग्रेस प्रचंड बहुमत से जीती थी तब भी लोगो ने आरोप लगाये थे की एसे बैलेट पेपर छपवाये गये की चाहे जिस पर मोहर लगाओ वोट तो कांग्रेस को मिलेगा। पहलवान बोला -चचे इसका मतलब सब झूठ बोल रहे है । मैने  कहा -सरासर तभी तो चुनाव आयोग ने दो टूक कहदी -जिसको शिकायत हो वो कोर्ट जा सकता है। यानि कि ठेगा। पहलवान बोला -यानि बहनजी अब दलितों की और केजरीवक आम आदमी के मसीह नहीं रहे ?छंगू बाबु बोले -बात सौ  प्रतिशत सच्ची है।  अब हाथी आराम करेगा और हाथ सायकिल नहीं चलायेगी। राहुल का बड़बोलापन और  बहनजी का अहंकार की वे दलितों की दैवी   है सब टूट गया और यह बात में  नहीं कह रह यह अख़बार वाले ही बता रहे है।.बहनजी के वोट बैंक मे कमल खिल गया। मैने  कहा -जो जनता को उल्लू बनाते थे उन्हे जनता ने ही बड़ी ख़ामोशी से उल्लू बना दिया। पहलवान बोला -यानि कि इस बार कमल को  जनादेश संप्रदाय वर्ग जाती और धर्म से उठ कर मिला है। छंगू बाबु बोले -एकदम सही पकड़ा। मैने कहा  -मोदी जी के मन की बात हो गयी समझ लो उन्हे ब्रहमास्त्र मिल गया। पहलवान बोला -तो चचे अब तो अच्छे  दिन आ ही जायेगे ? छंगू  बाबु बोले -यदि सांप्रदायिक सौहार्द बना रहे अंट शंट बोलने वालो की जुबान पर ताला लगा रहे    जंगल राज खत्म हो  जनता की भलाई की बात सोची जाये तो अच्छे दिन क्यों नहीं आयगे। में  इस बाबत कुछ बोल रहा था  की कमरे में छुट्टन दाखिल हुआ उसके हाथ में ट्रे थी आते ही बोला -अरे  चाचा छोड़ो यह अच्छे दिनों की बात।  लो यह गरम गरम समोसे खाओ --लल्लो हलवाई के यहाँ से एकदम कढ़ाई से उतरते लाया हु और साथ मे चची की स्पेशल चाय। उसने ट्रे बीच मे  रखा दी। समोसो की गंध से सारा कमरा  महक गया।सबका ध्यान समोसो की और चला गया और  अच्छे दिनों की बात पर विराम लग गया।   मैंने  देखा सभी समोसे खाने में  लग गये।

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