29 सितंबर


29 सितंबर का वो दिन मै कभी नही भूल सकता जब मे सरकार नर्सिंग होम के दरवाजे पर खडा था ।अंदर एक ओप्रेशन चल रहा था ।मेरा दिल तेजी से धड़क रहा था ।यद्यपि गर्मी ज्याद नाही थी लेकिन में पसीने से नहाया हुआ था।  बृजेश ने मेर हाथ कस कर  पकड़ा हुआ था औरमे लगातार अस्पताल की तरफ देख रहा थी ।जैसे जैसे समय बढ़ रहा था मेरी चिंता बढती जा रही थी ।दोपहर के ढिबज चुके थे अचानक अस्पताल के दरवाजे पर अम्मा को देखा ।अम्मा के चेहरे पर प्रसन्नता देख थोड़ा अच्छा लगा ।अम्मा ने इशारो से बताया बेटा हुआ है ।हम तेजी से दौड़े देखा एक काला कलूटा बालक ऑंखे बन्द कर सो रहा है ।प्रीति भी प्रसन्न थी ।मालिक ने हमारी  झोली खुशियों से भर दी थी ।

आज 29 सितंबर है ।आज हमारे  बेटे का जन्म दिन है । बच्चे  तो हमेशा माँ बाप के लाडले होते है । माँ बाप हमेशा उनका ख्याल रखते है और उनका हित चाहते है ।
मम्मी पापा की और से ढेर सारा प्यार और आशीर्वाद ।

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