सीताराम सैनी

कोसीताराम सैनी संस्थान के हमारे मित्र और वरिष्ठ कर्मचारी रहे हैं लेखा विभाग से कार्यालय अधीक्षक पद से रिटायर होने के बाद वह संस्थान के जीवित कर्मचारियों में उन  लोगों में शामिल है जो 80 साल की उम्र पार कर चुके हैं। यह देखना बड़ा अच्छा लगता है कि सीताराम सैनी इस उम्र में स्वस्थ हैं और अपने दैनिक कार्यों को भली-भति कर रहे हैं। मेरी मेरी उनसे मुलाकात 1970 के दशक में हुई थी और लगभग 30 वर्ष मैंने उनके साथ कार्य किया था वे हमारी यूनियन के सचिव और कार्यकारिणी सदस्य के रूप में हमेशा याद किए जाएंगे वह 1998 में संस्थान से रिटायर हुई थी और अपनी 50 वर्ष की सेवाओं के दौरान उन्होंने संस्थान को बदलते हुए देखा है यह कहा जा सकता है कि संस्थान की पिछली 50 वर्षों के इतिहास की वे जीवित साक्षी हैं। दही बड़े कर्मठ और क्रियाशील व्यक्ति रही है वह सबकी मदद करने में हमेशा अग्रणी रहते थे उनसे मिलते रहना मुझे हमेशा अच्छा लगा और इस उम्र में उनकी क्रियाशीलता मुझे प्रभावित करती है।
मैंने देखा है कि संस्थान के ज्यादातर कर्मचारी 60 और 70 के उम्र में इस दुनिया को छोड़कर चले जाते हैं राम बिहारी लाल श्रीवास्तव साथ 62 वर्ष हमारे मोहनलाल गुप्ता बाबा 68 साल विद्या प्रसाद 64 साल पंडित रमेश शर्मा 67 साल कमल किशोर कपूर 65 साल बृजेश श्रीवास्तव 45 साल छोटा गोपाल 55 साल महाराज सिंह 55 साल अमरपाल 52 साल चंद्रकांत दीक्षित 69 साल जीवन लाल गुप्त 72 साल की उम्र में इस दुनिया को छोड़ गए अभी पता नहीं किसके पीछे प्रकृति का क्या रहस्य है थाना की संस्थान की अध्यापक ज्यादातर अध्यापक 70 से अधिक उम्र पाती रहे हैं डॉक्टर राजगोपालन 90 वर्ष लक्ष्मी नारायण शर्मा 90 वर्ष तक जीवित रहे और ठाकुरदस 80 वर्ष रश्मि दीक्षित 80 वर्ष की उम्र पार कर चुके हैं और अभी भी पसंद प्रसन्न चित्र है जबकि संस्थान के निदेशक अधिक उम्र नहीं पा सके चाहे वह डॉक्टर विदेश्वर वर्मा हो या फिर बाल गोविंद साहू मिश्र को जा फिर गोपाल शर्मा अमर बहादुर सिंह आदि।।
सीताराम सैनी अपने जमाने में चर्चित व्यक्ति रहे हैं कमल किशोर कपूर चंद्रकांत दीक्षित के साथ उनकी तिकड़ी  मशहूर रही है। अक्षर में अक्सर वे तीनों लंबी यात्राओं पर जाया करते थे ज्यादातर दक्षिण भारत और नेपाल की यात्रा किया करते थे चंद्रकांत दीक्षित अक्सर अपनी यात्राओं की स्टोरी हमें सुनाया करते थे सीताराम सैनी भी चर्चा कभी-कभी कर दिया करते थे चंद्रकांत दीक्षित की स्टोरी हमने कई बार सुनीति सुनी थी बताते थे नेपाल में अक्सर दुआ करो मैं जाया करते थे खासतौर से कमल किशोर कपूर इस मामले में 233 तेज थे जबकि सीताराम सैनी इन सब से दूर रहते थे खुद चंद्रकांत दीक्षित कभी-कभी दाम दाम लगाया करते थे चंद्रकांत दीक्षित की स्टोरी सुनाने की स्टाइल कुछ अलग थी अधिकतर उनकी स्टोरी सुनाने के लिए हम और आनंद अक्सर उपस्थित होते थे स्टोरी सुनाने से पहले मैं अपना चेहरा धोते तौलिए से मुंह धोते साफ करते फिर विक्रम को आवाज देती है चिकन टीवी से चाय लेकर आओ आनंद चुपके से कहता नाश्ता भी मंगा लो और फिर भी नाश्ते का आदेश भी दे दे तेरा उनके सुनाने की स्टाइल गजब की फिल्म ऐसा लगता जैसे हम फिल्म की स्टोरी सुन रहे हो एकदम रिकॉर्ड डेट हम लोगों ने कई बार एक हिस्टोरी सुनी लेकिन कमाल है घर बारिश दूरी एक से ही शब्द एक सही वाक्य और स्टाइल होती थी कभी-कभी आनंद मुझसे कहता था चाय पीनी है नाश्ता करना है चलो दीक्षित जी के पास स्टोरी सुनते हैं और हम लोग पहुंच जाते थे और फिर चाय नाश्ते के साथ उनकी स्टोरी सुना करते थे। अब तो यह बीते दिनों की बात हो गई सब कुछ खत्म हो गया चंद्रकांत दीक्षित इस दुनिया से चले गए। सीताराम सैनी का घर संस्थान के पास ही है कंधारी से संस्थान जाते समय यह मध्य में पड़ता है रिटायरमेंट के बाद मैं अक्सर खंदारी से संस्थान पैदल ही जाया करता था और यह मुझे अपने घर के आगे बनी दुकान पर बैठे नजर आ जाते थे नजर मिलती तो दुआ सलाम भी होती और फिर उनसे बिना बातचीत किए आगे बढ़ना संभव नहीं होता था एक दिन ऐसे ही जब मैं किसी काम से संस्थान जा रहा था तो उनसे मुलाकात हो गई और उनके आग्रह पर मैं उनके साथ बैठकर गपशप करने लगा उस दिन संस्थान की पुरानी बातों की चर्चा होने लगी वे कहने लगे सा स्थान अब बहुत बदल गया है पुराने लोगों में सभी के प्रति प्रेम और सद्भाव था यहां तक छात्र भी सभी का ध्यान रखते थे लेकिन आप ऐसा नहीं है संयोग से उस दिन मेरे पास वीडियो कैमरा था और और मैंने इसका उपयोग कर एक छोटी सी क्लिप तैयार की ताकि सीताराम सैनी की जीवित याद सुरक्षित कर सकूं मैंने उसे उनके दीर्घायु की रहस्य पूछा उन्होंने कहा कोई रहस्य से नहीं है मैं खाता हूं मैं खाता पीता रहता हूं और मस्त रहता हूं यद्यपि बीच में मुझे कुछ शिकायत हो गई थी लेकिन वह भी आप ठीक है और मैं अपनी दिनचर्या संतुलित रखता हूं मुझे यह सुनकर बड़ी प्रसन्नता हुई और अच्छा लगा कि संस्थान की इतने पुराने सदस्य स्वस्थ हैं जीवित हैं और मस्त है मैं ईश्वर से यही प्रार्थना करता हूं उन पर अपनी कृपा बनाए रखें और अपने अनुभवों से हम सबका मार्गदर्शन करते रहे

Comments

Popular Posts