पहलवान और लव जिहाद

यद्यपि बात पुरानी है लेकिन पहलवान इसको  भुला नहीं पाया और उसके दिमाग में कुछ सवाल परेशान करते रहते है ।निकिता तोमर की जघन्य हत्या को लेकर उसका मन बेचैन था और वो  कुछ कहना चाहता था ।उसने मोबाइल कर मुझसे कहा चचे  तुम्हारे साथ गपशप करना चाहता हूं और अपने कुछ सवालों का जवाब  जानना चाहता हूं ।
चूंकि करोना  काल चल रहा था  और अखबारों में छपा  था कि  करोना ने फिर  झपट्टा मारा है और हमारे कुछ मित्रों को भी उसने झपट्टे में  ले लिया था इसलिए पहलवान की चाची ने सख्त तौर पर किसी से मिलने जुलने  के लिए  पाबंदी लगा दी थी । मगर पहलवान गपशप के लिए मचल रहा था इसलिए मैंने पहलवान की चाची से पूछा तो उसने परमिशन दे दी और कहा सामाजिक दूरी बनाकर मास्क लगाकर सावधानीपूर्वक गपशप कर लेना बाकी मैं देख लूंगी ।
सो मौका देख कर मेने सबको बुला लिया और गपशप  जम गई और चांगू बाबू भी आ पहुंचे और गपशप शुरू हो गई।
सबसे पहले पहलवान ने अपनी बात शुरू की और कहा चचे -  क्या हमारी हिंदू बहन बेटियां  ऐसे ही जिहादियों की मनोविकृति की शिकार बनेगी । क्या जेहादी हमारी   बहन  बेटियों के साथ ऐसा ही अत्याचार करेंगे और हम चुपचाप बैठे रहेंगे ।पहलवान ने कहा - मैं उस दृश्य को भूला नहीं हूं जिसमें दिखाया गया था कि एक जिहादी बिना किसी खोफ  के चलती सड़क पर एक हिंदू बेटी के साथ बदसलूकी कर रहा था और विरोध पर उसने बिना किसी हिचक के बिना किसी डर के बिना भयभीत हुए उसको गोली मार दी और हत्या कर भाग्य भाग गया।चचे कितना दर्दनाक दृश्य था में आजतक भुला नहीं हूं ।इस  पर चंगू बाबू बोले-  भाई साहब मैं तो बड़ा हैरान और परेशान हूं की जिहादियों के धर्म कि लोगों में से कोई कुछ नहीं बोला किसी ने अफसोस नहीं जताया कैसा लगा जैसे उनका मोन समर्थन मिल  रहा है ।यह भी आश्चर्य की बात है जिहादियों की धर्म के लोगों से वोट की आशा लगाए हिंदू नेता भी कुछ नहीं बोले। ऐसी चुप्पी  धारण कर ली मानो  कुछ हुआ ही नहीं है ।यह सब देख कर मुझे डर लगता है की क्या हमारे देश में हिंदू बहन बेटियां सुरक्षित हैं और इनकी सुरक्षा सरकार कर पाएगी ।यदि जिहादी ऐसे ही इनका शोषण और धर्म परिवर्तन करते रहेंग तो हम लोगो का जीना दूभर हो जाएगा ।
मैंने कहा-  चांगु बबुंआप बात तो सच कहते हो ।सचमुच अगर जिहादियों की ऐसे कृत्य  नहीं रुकेंगे तो हिंदू समाज को भी इस बारे में अपने विचार बदलने पड़ेंगे ।पहलवान बोला - क्या चाचा जरा खुल कर बताओ ।मैंने कहा हम लोग तो चाहते थे कि सभी धर्म के लोगों के बीच सौहार्द सद्भाव और प्रेम बना रहे लेकिन कुछ बाहरी ताकते  नहीं चाहती कि ऐसा बना रहे। वे देश में अराजकता फैलाना चाहती  हैं और लोगों को  धर्म की आड़ में  आपस में झगड़ा चाहती हैं । हिंदू तो चाहते हैं की सद्भावना कायम रहे प्रेम और स्वार्थ बना रहे लेकिन जिहादियों का कृत्य और उनका मोन समर्थन हमें विवश  रहा है कि हम हिंदू संगठनों द्वारा जो कहा जा रहा है उसे स्वीकार करें और हिंदुत्व को समर्थन करें।आखिर ताली एक हाथ से थोड़ी बजती है ।
 पहलवान बोला - चचे  यही बात तो गुल्लू की अम्मा भी कह रही थी कि हम अच्छे दिनों के बगैर महंगाई भ्रष्टाचार और बिना नौकरी के तो रह सकते हैं ,किसी तरह गुजारा भी कर सकते हैं लेकिन यह धार्मिक कट्टरता और जिहाद के नाम पर हमारी बहन बेटियों का शोषण और उनकी हत्या हमें कैसे  स्वीकार होगी और हम कैसे इस भयानक स्थिति में रह पाएंगे जब एक धर्म के लोगों का जिहादियों के प्रति प्रेम और मोन समर्थन बना रहेगा 
चांगु बाबू  बोले - भाई साहब मैं भी यही सोचता था की प्रेम और सद्भाव हमारी डिक्शनरी में बने रहे लेकिन ऐसे दृश्यों को देखकर तो लगता है कि हमें अपने डिक्शनरी बदल देनी चाहिए और हिंदुत्व और हिंदू संगठनों का समर्थन करना चाहिए .
 पहलवान बोला ..मैंने तो सोच लिया है कि मैं किसी भी हालत में मोदी सरकार का विरोध नहीं करूंगा और उनका समर्थन करूंगा क्योंकि यही सरकार हिंदुओं की रक्षा करेगी और हिंदुत्व को बनाए रखेगी ।
मैंने कहा यह भावना इसलिए बनी कि हमें डर पैदा हो गया है कि  विपरीत धर्म के लोग हमारे साथ कभी नहीं आएंगे और यह विरोधी  नेता गण वोट के लालच में हिंदुओं की भावना को बिल्कुल नहीं समझेंगे ।पहलवान बोला -chche ये जो योगी सरकार कानून लेकर आईं लव   जेहाद को लेकर क्या उससे इस तरह की घटनाओं पर रोक लगेगी ।बिल्कुल ये कठोर कानून जरूर।काम करेगा लेकिन हम सब को जागरूक होना पड़ेगा और अपनी हिंदुत्व कि भावना को बनाए रखना 
 पड़ेगा और हिंदू विरोधी नेताओ के भ्रम में नहीं आना होगा । चांगु बाबू बोले - मुझे तो लगता है कि केवल यूपी में नहीं पूरे भारत में यह कानून लागू होना चाहिए ।भारत सरकार ऐसा कदम उठाए तो ज्यादा अच्छा है ।इस पर पहलवान कुछ सोचने लगा तभी शंभू बाबू ने मौका देख विषय बदल दिया और बोले -  भाई साहब यह जो किसानों का आंदोलन चल रहा है इस बारे में क्या विचार है । मुझे तो नहीं लगता कि यह किसानों का आंदोलन है और इसमें जो आंदोलन कर रहे हैं वे भी किसान हैं ।मुझे तो इसमें भी संदेह है । मैंने कहा आपने बिल्कुल सही सोचा यदि सोशल मीडिया की बात माने तो यह केवल मोदी सरकार को बदनाम करने और उसका विरोध करने का ही आंदोलन मात्र है ।चंगू बाबू बोले  भाई साहब एक बात समझ में नहीं आती  जब सरकार बातें कर रही है और किसानों की समस्या और बिलों के बारे में खुलकर बात करना चाहती है और संशोधन के लिए भी तैयार है तो काहे यह बार-बार एक ही रेट लगा रहे हैं की कृषि बिल वापस लो वापस को ।और आंदोलनरत किसान मजे से सड़कों पर डटे हुए हैं ।
पहलवान बोला चचे  डटे क्यों नहीं रहेंगे। सुबह शाम का लंगर चल रहा है जाड़े में सोने के लिए टेंट लगे हैं रजाई गद्दे लगे हैं वीडियो लगे हैं और क्या चाहिए हर दिन का पैसा भी मिल रहा हो तो कोई आश्चर्य नहीं क्योंकि शाहीन बाघ की तरह यह भी प्रायोजित कार्यक्रम दिखाई दे रहा है वरना इस करो ना काल में कौन ऐसी मुसीबत उठाता है और वो भी पूरी शक्ति लगाकर। मुझे तो लगता की तथाकथित किसान नेता  सरकार को यह बताना चाह रहे हैं की किसान कितनी मुसीबत में है औरजनता के बीच यह संदेश फैलाना  की सरकार को जनता और किसानों कि कोई चिंता नहीं ।
मैंने कहा जो भी हो लेकिन इस आंदोलन ने आंदोलनकारियों को एक दिशा दिखा दी है की अब यदि आंदोलन करना हो तो हाईटेक ही करना होगा जिसमें अस्पताल से लेकर बाजार तक की व्यवस्था करनी पड़ेगी ।इस पर पहलवान ठाठाकर हंसा और बोला-  चचे  तब तो  आप जैसे लोगों को बेरोजगार नहीं रहना पड़ेगा और रिटायरमेंट के बाद यह काम पकड़ लेना क्योंकि राजनीतिक पार्टियों के पास अब यही विकल्प बचा है और उन्हें आप जैसे निठल्ले लोगों की जरूरत रहेगी।
 मैंने कहा -भैया तुमने तो बातों ही बातों में हमें निठ्ठल्ला  कह दिया लेकिन अभी हमारी आत्मा मरी नहीं है हमारी आत्मा अभी जिंदा है।
 पहलवान बोला - क्या यह आंदोलन ऐसे ही चलता रहेगा क्या सरकार कुछ नहीं करेगी । शंभू बाबू बोले सरकार तो बहुत कुछ कर सकती है मगर ऐसे नहीं करेगी ।वह पूरी तरह लोकतंत्र की नियमों का पालन करेगी और जब आंदोलन कमजोर पड़ जाएगा तो शाहीन बाग की तरह उसको भी समाप्त कर दिया जाएगा क्योंकि आंदोलन काउद्देश्य  किसानों के हित में नहीं बल्कि उन दलालों व्यापारियों निहित स्वार्थी लोगो के द्वारा प्रायोजित आंदोलन है जो किसानों का शोषण करते हैं। पहलवान बोला चचे  तुम सही कहते हो। वरना क्या कारण है कि पंजाब के किसानों को ज्यादा दिक्कत हो रही है ।शंभू बाबू बोले - इसलिए कि वहां कांग्रेश की सरकार है और उसका पूरा सूचना तंत्र किसानों को गलत सलत बातें करके भ्रमित कर रहा है और उन्हें डरा रहा है वरना  कानून तो सारे देश में लगा है ।
इस पर पहलवान कुछ कहना चाह रहा था कि हमेशा की तरह छुट्टन ट्रे लेकर  कमरे में दाखिल हुआ और बोला छोड़िए आंदोलन की बात और चखिए गरम गरम पकोड़े का स्वाद और वह भी काफी के साथ।
 बहुत दिनों बाद हम लोग मिले थे और कई दिनों से साथ साथ कुछ खाया पिया भी नहीं था इसलिए पकोड़े और कॉफी देखते हुए पहलवान ने लपक कर ट्रेन उठा ली और चालू हो गया और फिर देखते ही देखते  पकौडों के स्वाद में सारी समस्या गुम हो गई।अब खाने कि चप चप के अलावा कोई आवाज नहीं थी ।

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