होली हो गई
होली हो गई
सवेरे सवेरे ढोलवालो की आवाज सुन समझ गया कि ढोल वाले इनाम लेने और होली की बधाई देने आ गए । पिछले कई सालों से यही हो रहा था । मै पैसे लेकर बाहर निकाला तो वहां कुछ और दृश्य था ढोल वालों के साथ लोगो की भीड़ भी चल रही थी जो होली के रंग में कॉलोनी के पार्क की तरफ जा रही थी । में समझ गया कि कोरोना के चलते कॉलोनी वालो ने यह सुरक्षित तरीका अपना लिया है और अब होली नई परंपरा के साथ खेली जाएगी ।
मुझे वॉट्सएप के माध्यम से पहले से ही जानकारी थी कि इस बार हमारी कॉलोनी में होली का जश्न तो होगा ही लेकिन सद्भाव और सावधानी के साथ और ऐसा फिर दिखाई भी दिया ।
यह अच्छी बात है कि अब खासकर गेटबंद कॉलोनियों में हम पुरानी व्यवस्था कि और लोट रहे है जब होली प्रेम और सौहार्द के साथ प्राकृतिक रंगो के साथ सामूहिक रूप में मनाई जाती थी
कॉलोनी के पार्क में खान पान की सामूहिक व्यवस्था थी बेड़ई गोलगप्पों के साथ जलेबी और ठंडाई मिल रही थी प्राकृतिक रंगो से एक दूसरे को रंगा जा रहा था और होली की शुभकामनाएं दी जा रही थी ।बड़ा सुंदर वातावरण था।।नहीं तो होली में कितना ऊत पना दिखाई देता था यह कहना व्यर्थ है ।
यद्यपि में इस होली में साशरीर शामिल नहीं था लेकिन लाउडस्पीकर पर बजते गाने और शोर से अनुमान लगना कठिन नहीं था । में वॉट्सएप के जरिए भी मानसिक तौर पर वहां जरूर मौजूद था ।
यह हमारी मजबूरी थी कि स्वास्थ कारणों से हम पिछले एक साल से किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए ।लेकिन इस व्यवस्था को देख मुझे बड़ी खुशी हुई और में दिल से सभी मित्रो शुभचिंतकों को होली की बधाई देता हूं
हमारे ढोलवाले आ गाए थे ढोल बजाकर बधाई दे रहे ।मेने उन्हें उनका इनाम दे दिया और वे खुश हो गए ।मुझे उनकी दुआओं कि जरूरत थी।वे मुझे दुआ देते हुए आगे बढ़ गए ।

Comments
Post a Comment