पहलवान नया किस्सा
पहलवान का सवाल ....
जवाब छ गूं बाबू ने दिया । भइये ...मतलब क्या समझना चाहते हो । जरा खुल कर अपनी बात कहो।
पहलवान ने कहा ..भाई साहब हमरे देश में रोज कोई न कोई घटना घटती रहती है ।कर्ज और गरीबी से तंग आकर महाराष्ट्र में किसान आत्महत्या करते है तो कश्मीर में आतंकवादी निर्दोष लोगो की निर्मम हत्या करते है देश में ऐसी तमाम घटनाएं होती ही रहती है लेकिन उन घटनाओं को लेकर किसी विरोधी दल के नेताओं को कोई सहानुभूति नहीं होती परंतु एसी क्या बात है कि नेता लोटा उठाए यू पी के लखीपुर खीरी भागे आ रहे है ।
पहलवान की बात पर छ गूं बाबू खुल कर हंसे
... भइये तुम निरे पहलवान ही रहे अपनी खोपड़ी पर जरा जोर डालो आखिर विरोधी दलों को यू पी के किसानों पर इतना प्यार क्यों उमड़ पड़ा है। मरे तो कश्मीर के निर्दोष लोग भी थे ।उनकी भी आतंकियों ने निर्मम हत्या की थी। क्यों सारे विरोधी दल उस पर दो शब्द कहने के बजाय सन्नाटा मार गए और बस यू पी के किसानों पर गला फाड़ने लगे ।
पहलवान सिर खूजाने लगा ।
मेने कहा ..भइये इसमें समझने की क्या बात है इसे तो कोई भी समझ सकता है ।
पहलवान ने कुछ सोचते हुए कहा.. चचे क्या मतबल ?
मेने कहा ..अरे सीधा सा मतलब है यू पी में अगले साल चुनाव है और क्या ...
मेरी बात सुनकर पहलवान की आंखें चौड़ी हो गई .बोला ..चचे जरा खुलकर बताओ मेरी खोपड़ी जरा मोटी है
इस पर छगू बाबू ..बोले ..अरे भाई इसमें मोटी खोपड़ी की क्या बात है।. सीधी सी बात है यूपी में चुनाव हैं और चुनाव में अपने समीकरण बैठाने हैं ।यही कि किसानों को बहला कर उनके साथ अपनी सहानुभूति का ढोंग रच कर उन्हें अपना वोट बैंक बनाना है और क्या....
पहलवान बोला ..अच्छा तो यह सब चुनाव का चक्कर है
छ गूं बाबू बोले .और क्या ...सारी नौटंकी इसलिए है कि योगी जी की बदनाम किया जाए ।.किसानों कि आड़ ने दंगा फसाद किया जाए। प्रदेश की शांति भंग कर आग में झोंक दिया जाए ताकि फिर उनके नेता सरकार को बदनाम कर सके ।
पहलवान सोचने लगा
फिर बोला ..लेकिन चचे एक बात समझाओ ...किसानों पर मंत्री जी के बेटे ने कार क्यों चढ़ाई ।किसान मारे गए यह तो अच्छा नहीं हुआ ।अगर उनके लिए कोई सहानुभूति रखता है तो इसमें आलोचना कि क्या बात है।
मेने कहा... बात सहानुभूति तक होती तो कोई बात नहीं थी लेकिन सहानुभूति के नाम पर योगी जी के खिलाफ सरकार के खिलाफ अनर्गल प्रलाप तो उनकी मंशा को जाहिर करता है ।और वैसे भी राजनेतिक स्वार्थ के लिए की गई सहानुभूति नौटंकी से ज्यादा मतलब नहीं रखती है
मतबल ...
मतलब साफ है योगी जी की लोकप्रियता से वे सब घबरा गए है उन्हें कोई मुद्दा नहीं मिल रहा था सो घटना घटी तो राशन पानी लेकर पिल पड़े ।
तो क्या वे योगी जी की बदनाम कर पाएंगे ।
पहलवान ने सवाल किया ।
घंटा बदनाम कर पाएंगे ।योगी जी कोई कागज के शेर तो है नहीं की विरोधियों के पानी डालते ही घुल जाएंगे । वे अपना काम अच्छी तरह जानते है। वे विरोधियों को अच्छा सबक सिखा देंगे। भले ही वे अपने सारे दमखम लगा दे।
मैंने कहा ..जनता को बेवकूफ बनाना इतना आसान नहीं है भैय्या अब सोशल मीडिया का जमाना है और सोशल मीडिया सारा सच सामने ला देता है .
पहलवान बोला ..लेकिन अखबारों में जो छप रहा है उसका क्या ...
मैंने कहा ....सारी दुनिया जानती है अब मीडिया को भी खरीदा जा सकता है और मनचाही खबरें प्रकाशित की जा सकती है लेकिअब आम जनता भी मीडिया की इस सच्चाई को अच्छी तरह जान गई है और नेताओं की बातों और उनके नौटंकी यों से प्रभावित नहीं होती है ।इसलिए अखबारों की बातों को छोड़ो और वास्तविकता कों समझो
पहलवान बोला ...चचे गुल्लू की अम्मा कह रही थी कि योगी जी ने बड़ा अच्छा काम किया है . राज्य के सारे गुंडों माफियाओं लफंगा और अपराधियों की नकेल कस दी है ।कानून व्यवस्था की हालत बेहतर हो गई है और राज्य में शांति व्यवस्था बनाए रखी है
छ गूं बाबू बोले.... यही तो विरोधियों की परेशानी है क्योंकि योगी जी की छ बि के आगे उनकी चमक फीकी पड़ गईं है और उन्हें डर लगता है कि अबकी चुनाव में उनका सुपाड़ा साफ नहीं हों जाए इसलिए वे राज्य में अव्यवस्था और शांति भंग करने का प्रयास कर रहे है और झूठी सहानुभूति का नाटक कर रहे है । ताकि योगी जी की चमक कुछ कम हों जाए
लेकिन भाई साहब जे बताओ कि दोषियों की गिरफ्तारी चो नहीं हो रही है । जे बात तो समझ ने नहीं आ रही है
पहलवान ने अगला सवालन किया
छ गूं बाबू बोले . भैइये योगी जी ने जांच के आदेश दे दिए है ।CBI जांच कर रही है । कानून अपना काम कर रहा है योगी जी ने कह भी दिया है कि जो भी दोषी होगा उसको छोड़ा नहीं जाएगा और उसको दंड अवश्य मिलेगा ।इसके अलावा सरकार ने किसानों को 5000000 का मुआवजा और आश्रित को नौकरी देने की घोषणा की है ।इसके अलावा और जो भी मदद होगी सरकार करेगी ।
अब जांच होगी और दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा उन्होंने इससे ज्यादा क्या और क्या अपेक्षा की जा सकती है
पहलवान बोला ....लेकिन विरोधी नेता तो इस्तीफे की मांग कर रहे हैं ।
मैंने कहा ..यह सब राजनीतिक बातें हैं और सरकार भी कोई दूध पीता बच्चा नहीं है अच्छी तरह जानती है. लोहे को लोहे से ही कांटा जा सकता है ..सो योगी जी की सरकार अपना काम बखूबी कर रही है ।
भले ही सिद्धू हजार गाड़ियों में अपने समर्थकों को लेकर आए या फिर प्रियंका गांधी विरोध में झाड़ू लगाए अथवा अखिलेश यादव धरने पर बैठे।योगी सरकार उन्हें कोई भाव नहीं देने वाली
पहलवान बोला ...चों
इसलिए कि उनका उद्देश्य राजनेतिक है वे अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर रहे है ।देखा नहीं पंजाब और राजस्थान की सरकार ने भी किसान को मुआवजा देने की बात कही है ।कभी ऐसा हुआ है क्या ।और तो और हर दल में होड़ मची है कि उनसे ज्यादा किसानों का हितेषी कोई नहीं है। सभी गला फाड़ फाड़ कर यही कह रहे है ।लेकिन यह नहीं बताते की लखीमपुर खीरी में किसानों को हंगामा करने के लिए किसने भड़काऊ भाषण दिया था जिसके कारण यह सारी घटना घाटी।
पहलवान कान खुजने लगा ।
थोड़ी देर सोचने के बाद बोला.. चचे तो क्या किसान विरोधी दलों का साथ देंगे और आने वाले चुनाव में योगी जी को पछाड़ पाएंगे।
क्या विरोधियों का सपना पूरा हो पाएगा
मैंने कहा ... अब यह तो भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है लेकिन आम जनता यह जरूर सोचेगी कि उसे योगी जी का रामराज चाहिए या विरोधियों का गुंडाराज .इस पर पहलवान कुछ कहना चाहता था कि हमेशा की तरह गुल्लन चाय नाश्ते की टर लेकर बैठक में हाजिर हो गया और बोला... अंकल छोड़ो ये चुनाव की बेकार बातें और खाओ गरम गरम कचौड़ी और जलेबी।
जलेबी देखकर पहलवान की लार टपकने लगी और उसने लपक कर अपनी प्लेट उठा ली और कहने लगा चाची को कैसे पता चल जाता है कि आज मेरी कचौड़ी खाने की इच्छा थी
गुल्लन बोला ...चाची अंतर्यामी है
छ गूं बाबू भी चालू हो गए
कचौड़ी तो मुझे भी पसंद थी। लेकिन जलेबी मैं खा नहीं सकता था। इसलिए मैंने अपने हिस्से की जलेबियां पहलवान की ओर सरका दी । पहलवान का दिल इसे देखकर खुश हो गया
फिर जलेबी की स्वाद में सारी बातें फुर्र हो गई।

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