पहलवान की खोपड़ी गरम थी

पहलवान की खोपड़ी गरम थी....

      पहलवान की खोपड़ी गरम थी उसे बड़ा गुस्सा आ रहा था ।आते ही अपनी मन की सारी बातें निकाल दी । मैं यह देख कर  दंग था कि  अपनी बात कहते हुए उसका चेहरा तमतमा उठा था। मैंने उसे  इस रूप में कभी नहीं देखा था लेकिन पहलवान की आदत  थी कि वो  अपने दिल में कोई बात छिपा कर रखता नहीं था और जो भी उसे सही लगता था तो वह बातें खुले दिल से उगल देता था ।
आज भी उसने वहीं किया ।
 आते ही बोला ..चचे  एक बात बताओ की यह कश्मीर में क्या हो रहा है। निर्दोष हिंदुओं को लक्ष्य करके उनकी पहचान जानकर उनकी क्रूर हत्या की जा रही है। मुझे तो बहुत गुस्सा आ रहा है ।इंसानियत क्या पूरी तरह मर गई है ।
पहलवान के इस प्रश्न पर किसी से बोलते नहीं बना । बैठक में सन्नाटा छा गया। गुस्सा तो  हम सबको भी  आ रहा था कि कितनी निर्ममता से दहशत गर्दो ने निर्दोष लोगो को  मारा था। इसलिए कि वे कश्मीर की हिंदू थे ।और इस प्रकार से वे एक और तो हिंदुओं के मध्य   दहशत फैला गए और दूसरी ओर दो समुदाय के बीच नफरत के  बीज भी बो  गए।
हमें तो आश्चर्य था कि लखीमपुर खीरी की घटना पर तमाम सारे राजनीतिक दल मारे गए किसान की हत्या पर संवेदना प्रकट करने लखीमपुर खीरी पहुंच गए ।पंजाब से सिद्धू   तो 1000 गाड़ियां का काफिला  लेकर वहां पहुंके ...प्रियंका गांधी दलबल के साथ वहां पहुंची.. राहुल गांधी भी वहां पहुंचे और तमाम दलों के नेता वहां पहुंच कर अपनी संवेदना और सहानुभूति प्रकट करने ल गे  । लेकिन कश्मीर की घटना पर किसी के मुंह से एक बोल नहीं फूटा . किसी की आंख से एक बूंद आंसू नहीं गिरे . आखिर हिंदुओं की हत्या  पर  यह सारे राजनीति दल क्यों मौन हो  गए ।
यह कैसी विडंबना है अपने भारत में अपने हिंदुस्तान में हिंदु सुरक्षित नहीं है और धर्म के नाम पर विधर्मीआतंकवादी  हिंदुओं को मारकर खुली चुनौती  दे रहे हैं और हम कुछ नहीं कर पा रहे हैं । आखिर ऐसा कब तक चलता रहेगा। 
पहलवान का प्रश्न जटिल था और इसका जवाब देना हमारे लिए मुश्किल था । बैठक में चुप्पी छा गई थी और सब मुंह लटकाए बैठे थे। किसी  को कुछ सूझ  नहीं रहा था तब इस चुप्पी को पहलवान ने हीं तोड़ा।
चचे हम तो सोच रहे थे की धारा 370 खत्म होने के बाद कश्मीर में विकास की धारा बहेगी। शांति बहाल होगी और कश्मीर के हिंदू फिर अपने घर वापस जाएंगे लेकिन यह  तो उल्टा हो गया। विकास की जगह खून की धारा बहने लगी और कश्मीर के हिंदुओं को फिर घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा रहा है ।
पहलवान बोला ...चचे  ऐसा कब तक चलेगा । क्या होगा हमारे कश्मीर के हिंदुओं का और हमारे कश्मीर का।
पहलवान की बाते सुनकर छ गूं बाबू ने चुप्पी तोड़ी । -भय्ये  ऐसा नहीं है हमारी सरकार इस मामले में गंभीर है ।भारतीय सेना बराबर अपना काम कर रही है। देखा नहीं कि पत्थरबाजी की घटना  लगभग खत्म हो गई ।सीमा से होने वाली फायरिंग आखिर बंद हो गई। हमारी सरकार के गृहमंत्री ने कहा है  अब सेना चुन-चुन कर आतंकियों को मारेगी और घर घर में घुसकर मारेगी । देखा नहीं जिन्होंने निर्दोष हिंदुओं की हत्या की थी उनको भी एनकाउंटर में मार डाला गया ।देखना आगे आगे क्या क्या होता है।
-और  सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि दहशतगर्दी  के साथ उनके अब्बा को  भी सबक सिखाएंगे...और  जरूरत पड़ी तो सर्जिकल स्टाइल भी करेंगे ।
-छ गूं बाबू की बाते पहलवान बड़े ध्यान से बातें सुन रहा था।
मेने कहा ..अब इतनी कठोरता से बात कहीं गई है तो उस पर अमल भी होगा।.हमें यह उम्मीद रखनी चाहिए । कि सरकार अपना दमखम जरूर दिखाएगी।
-इस पर छगूं बाबू बोलेे  ..भारतीय सेना के कारण आतंकियों की हलचल बंद हो गई है और वे हताशा में यह कायराना पूर्ण कार्य कर रहे हैं । हिम्मत है तो  भारतीय सेना से मुकाबला करें ।
-इस पर पहलवान ने निराशा प्रकट की और बोला... लेकिन भाई साहब जो लोग बिना कारण मारे जा रहे हैं उनका क्या।क्या आपको इसमें कोई साजिश नजर नहीं आती ।
छ गूं बाबू बोले ...भ ई ये साजिश तो है ही  ।पिछले एक सप्ताह से भारत के दुश्मन हिंदुओं और गेर कश्मीरियों की चुन चुन   कर हत्या इसलिए कर रहे है क्योंकि बो सारे भारत में अशांति फेलाना चाहते है और  सरकार कों बदनाम करना चाहते ताकि सरकार कमजोर हो ।
पहलवान  बोला..  गुल्लू की अम्मा कह रही थी कि सरकार के सारे मंत्री कश्मीर की विकास योजना बनाने कश्मीर की यात्रा कर रहे हैं और देश के दुश्मन यह नहीं चाहती कि  कश्मीर में विकास की यात्रा आरंभ हो  इसलिए वे बौखलाए हुए है और  अपने अब्बा के इशारे पर यह टारगेट किलिंग का  काम कर रहे हैं।
उनका मकसद तो यही है कि भारत में  दहशत फैल जाए और लोग कश्मीर छोड़ कर चले जाए।  इसलिए निर्दोष लोगों को जान से मारा जा रहा है।
छगूं बाबू  बोले... भाभी जी सही कह रही थी भारत के दुश्मन यही चाहते हैं कि कश्मीर में शांति बहाल नहीं हो  और कश्मीर हमेशा  अशांत बना रहे।
तो फिर... पहलवान ने अगला प्रश्न पूछ डाला
इस पर  छगूं बाबू बोले.. भईये यह तो युद्ध है और युद्ध में कुर्बानी तो देनी  होती है । लेकिन यह कुर्बानी व्यर्थ नहीं जाएगी और देखना एक दिन हमारा कश्मीर शांत होगा और विकास के रास्ते पर चल पड़ेगा।
 दहशत गर्द चाहे जितना जोर लगा ले भारतीय सेना उन्हें छोड़ेगी नहीं 
पहलवान बोला .तो इसका मतबल कश्मीर मैं शांति बहाल हो जाएगी।.... क्या फिर से अच्छे दिन आएंगे 
पहलवान का यह सवाल आम भारतीय का सवाल था  जो कश्मीर में चल रही है आतंकवाद और निर्दोष लोगों की हत्या को लेकर उठ रहा था 
मैंने कहा ..भईये.. चिंता मत करो .मोदी जी है ना.. और अभी तो मोदी जी की सरकार 3 साल तो मौजूद है ही और देखना अगले चुनाव से पहले ही सरकार कश्मीर का मसला हल कर देगी... कश्मीरी ब्राह्मणों की वापसी होगी कश्मीर विकास के रास्ते पर चल पड़ेगा और आतंकी साजिश करने वालों की   रीढ़   तोड़ दी जाएगी।  उनके अब्बा  को भी  उनकी औकात दिखा दी जाएगी। अगर वे गोली चलाएंगे तो हमारी सेना गोला चलाएगी...समझ गए ना..
यह सुनकर पहलवान के चेहरे पर  थोड़ी देर के लिए खुशी आई लेकिन थोड़ी देर बाद फिर उसका चेहरा उदास हो गया ।
वह कुछ कहना चाहता था कि तभी हमेशा की तरह गुल्लान नाश्ते की ट्रे लेकर आ गया और बोला ..टन टना टन ...आपकी चाय और नाश्ता आ गया .।अब छोड़िए कश्मीर की बातें और बढ़िया चाय और नाश्ते का आनंद लीजिए
 लेकिन मुझे बड़ा  आश्चर्य हुआ .. जब मैंने देखा कि आज पहलवान चाय और नाश्ते पर लपकने के बजाय कश्मीर में मारे गए निर्दोष लोगों की मौत पर दुखी था ।

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