गुलजारी लाल नंदा








एक वृद्ध व्यक्तिि को उसके मकान मालिक ने घर से बाहर निकाल दिया ।वृद्ध उससे अनुरोध करता रहा कि उसे कुछ  दिन की मोहलत दी जाए और वह उसका किराया दे देगा ।लेकिन मकान मालिक तैयार नहीं हो रहा था ।यह देख मोहल्लेे के बहुत सारेे लो एकत्र हो गए और उन्होंने मकान मालिक से अनुरोध किया कि  वे उसे कुछ दिन की मोहलत दे दे। वह निश्चय ही किराया चुकाा देखा ।लेकिन मकान मालिक उनकी भी बात सुनने को तैयार नहीं था। वृंद के  पास एक बाल्टी 1 मग   2 जोड़ी कपड़े और कुछ थोड़ा सामान था। तभी वहां से एक पत्रकार गुजरा और उसने यह तमाशा देखा ।उसे लगा यह समाचार उसके अखबार के लिए ठीक रहेगा ।तब उसने वृद्ध की कुछ तस्वीरें ली और मोहल्ले के लोगों की उसके बारे में पूछा। बाद में उसने अपने  संपादक को यह समाचार दिखाया और तस्वीरें दिखाइ।
तस्वीरें देखकर संपादक ने पूछा ..क्या तुम इस वृद्ध को  जानते हो। उसके इनकार करने पर उसने कहा यह वृद्ध देश के दो बार रह चुके प्रधानमंत्री गुलजारी लाल नंदा है । यह सुन  पत्रकार की आंखें फट गई और फिर संपादक के कहने पर उसने विस्तृत समाचार प्रकाशित किया। तब पहली बार लोगों को पता चला कि  हमारेेे देश के  पूर्व प्रधानमंत्री गुलजारीी लाल नंदा किस हालात में जीवन बिता रहे हैं।
 देखते ही देखते हैं मीडिया में यह समाचार आ ग की  तरह फैल गया और सारेेेे देश की मीडिया और प्रशासनिक अमला उस मोहल्ले की तरफ दौड़ पड़ा । इतनी सारी वीआईपी गाड़ियां देखकर मोहल्लेेेे वाले चकित रह  गए और उन्हें पहली बार मालूम पड़ा कि उनके बीच देश के पूर्व प्रधानमंत्री सामान्य व्यक्तिि की तरह रह रहे थे । मकान मालिक तो बहुत शर्मिंदा हुआ और क्षमा भागने लगा। मोहल्लेेे वाले भी कम शर्मिंदा नहीं थे । 
प्रशासनिक अधिकारियों ने गुलजारीलाल नंदा से अनुरोध किया कि वह उनके साथ चलें ..उन्हें सारी सरकारी सुविधाएं दी जाएंगी लेकिन गुलजारीी लाल नंदा ने सरकारी सुविधाएं लेनेे से इंकर कर दिया और उसी मोहल्ले में उसी तरह से जीना स्वीकार किया।
 उन्हें ₹500 तब पेशन मिलती थी जिससे वह अपना जीवन चलाया करते थे ।उन्हें स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की पेशन भी दी गई थी लेकिन उन्होंने इसे लेने से इनकार कर दिया और कहा कि  उन्होंने आजादी की लड़ाई पेशन लेने के लिए नहीं की थी। अंततः वे इसी प्रकार सामान्य व्यक्तियों की तरह रहते हुए हैं इस जीवन से विदा ले गए।
    आज गुलजारी लल नंदा हमारे बीच नहीं है लेकिन उनका जीवन हमारे देशवासियों के लिए एक मिसाल है ।आज ऐसे नेता कहां मिलते है ।कुछ विरले नेताओं की बात छोड़ दें तो अधिकांश नेताओं के नाम पर हमें शर्म आती है.. और यह  शर्म क्यों आती है.. इसे कहने की कोई आवश्यकता नहीं है । बाकी सारी बातें आप अच्छी तरह से जानते  हैं ।
जय श्री राम
साभार व्हाट्सएप

Comments

Popular Posts