ठगी और ठग
ठग...
मनीष का मित्र निवेदन देखकर मैं चौका जरूर लेकिन फिर सोचा हो सकता है कोई समस्या हो .. मेरी कल ही तो फेसबुक पर उससे चर्चा हुई थी। फिर मैंने बिना सोचे समझे बिना किसी संदेेह उसके मित्र निवेदन को स्वीकार कर लिया क्योंकि मैं उसे अच्छी तरह जानता था और कई सालों से मेरी जान पहचान थीअभी मैं इस बारे में सोच ही रहा था की मैसेंजर में उसका संदेश आ गया
कहां हो तुम
मैंने जवाब दिया यही हूं अपने शहर में
अच्छा तुम पेटीएम इस्तेमाल करते हो
मैंने कहा ..तुम्हें तो सब कुछ मालूम है फिर क्यों पूछ रहे हो।
उसने कहा ..मैं इस समय परेशान हूं इसलिए कुछ याद नहीं आ रहा है ।
क्या हो गया..
बताता हूं.. अभी बताता हूं लेकिन बताओ पे टी एम तो इस्तेमाल करते हो
हा मैं इस्तेमाल करता हूं
मैंने जवाब तो दे दिया लेकिन मेरे कान जरूर खड़े हो गए क्योंकि उसके एक नहीं अनेक कारण थे ।पहला तो मनीश मुझे अपना संदेश हमेशा हिंदी में देता था। दूसरा उसकी अंग्रेजी भी बहुत अच्छी थी और वह कभी भी हिंदी रोमन अंग्रेजी में नहीं लिखता था। दूसरा उसने पेटीएम की बात की..जबकि उसे तो सब कुछ मालूम था ।मुझे शंका हुई कि यह मनीष नहीं हो सकता... फिर भी मैंने अपनी बात को आगे बढ़ाया और सोचने लगा शायद अब वो मुझसे पैसे मांगेगा
उसने फिर संदेश दिया.. नहीं भाई मैं इस समय थोड़ा परेशान हूं इसलिए कुछ याद नहीं आ रहा है ।
उसकी इस बात से मैं समझ गया कि यह मनीष नहीं हो सकता निश्चित तौर पर यह कोई ठग है जिसने मनीष की फर्जी आईडी बना ली है।
मनीष मुझे भाई या भाई साहब कभी नहीं कहता था। वह मुझे हमेशा गुरु बोलता था और यही लिखता भी था।
मेरे चेहरे पर मुस्कान आ गई और मैंने सोचा चलो इस चैट का आनंद लिया जाए।
मैंने उसे संदेश दिया.. क्या हो गया भाई
उसने कहा मुझे पैसों की सख्त जरूरत है क्या तुम मुझे कुछ पैसे पेटीएम से भेज सकते हो मैं जल्दी चुकता कर दूंगा
मैंने पूछा ऐसी क्या बात हो गई अभी तो तुम को तनखा मिली है
उसने जवाब दिया नहीं भाई मेरा वेतन रुक गया इसलिए मुझे मदद की जरूरत पड़ गई
उसकी यह बात साफ बता रही थी कि वह एक ठग है क्योंकि मनीष के पास पैसों की कोई तंगी नहीं थी और वह एक सरकारी अफ़सर था
मैंने कहा ..ठीक तो बताओ कितने पैसे की जरूरत है
उसने तुरंत जवाब दिया.. भाई मुझे ₹15000 चाहिए
मैंने पूछा ऐसी क्या बात हो गई की अचानक भीख मांगनी पड़ी
उसने कहा मेरे दोस्त की बेटी अस्पताल में भर्ती है उसके इलाज के लिए पैसे चाहिए.
मैंने कहा अच्छा तो तुम्हारे पास पैसे नहीं है क्या इतनी गरीब हो गए कि खाते में बिल्कुल पैसे नहीं है
उसने जवाब दिया नहीं ऐसी बात नहीं है लेकिन मेरे खाते में कुछ प्रॉब्लम है इसलिए मैं निकाल नहीं पा रहा हूं
अब कहने को कुछ नहीं बचा था बिल्कुल बात स्पष्ट थी कि वह ठग था
मैंने कहा अच्छा तो क्या 15000 में इलाज हो जाएगा या फिर कुछ ज्यादा चाहिए
उसने कहा अगर ज्यादा की मदद की कर सकते हो तो कर दो मैं जल्दी ही लौटा दूंगा
मैंने कहा ठीक है मैं भेज तो दूंगा लेकिन तुम्हारा खाता तो बंद है
उसने कहा मैं अपने दोस्त का नंबर देता हूं आप उसमें ट्रांसफर कर दीजिएगा
उसकी इस जवाब पर मैं हंसा और मैंने कहा.. ठीक है लेकिन मुझे बताओ पक्का तुम मुझे वापस करोगे
उसने कहा कैसी बातें करती हो भाई क्या मुझ पर विश्वास नहीं है
उसकी इस बात से मैंने किस्से को खत्म करने की ठान ली
मैंने संदेश दिया ..नहीं भाई इसलिए कहा की पिछली बार मैंने तुम्हें ₹100000 भेजी थी जो तुमने मुझे अभी तक नहीं लौटए इसलिए।
मेरी इस बात पर वह बिफर गया=और संदेश देने लगा कि मुझे पैसे दोगे या नहीं
मैंने कहा मैंने पैसे ना देने की बात जब की
उसने कहा मुझे साफ-साफ बताओ पैसे दे रहे हो या नहीं
तो मैंने कहा.. उल्लू के पट्ठे.. क्या मुझे चुतिया समझ रखा है। बता तू मनीष है या नहीं
उसने तुरंत मैसेंजर बंद कर दिया
फिर मैंने मनीष को फोन किया और उससे सारी बात बताइए तो मनीष ने कहा.. गुरु पैसे तो नहीं दिए। वह साला ठग था और वो मेरे मित्र और दफ्तर के लोगों से पैसे मांग0 रहा थ .. तुमने सही किया
मनीष कि इस बात पर मैंने उन लोगों को धन्यवाद दिया जो फेसबुक पर ऐसी घटनाओं का जिक्र कर लोगों को सावधान करते हैं ।इसलिए जरूरी है आप भी ऐसे किस्सों को पढ़े और सावधान रहें।
आप सबको नवरात्रि की शुभकामनाए

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