ठग्गू...
ठग्गू..
मोबाइल की घंटी बजी तो मैंने उठा लिया
हेलो ....मैंने कहा
जी मैं राकेश कालिया बोल रहा हूं ...दूसरी और से आवाज आई
हां कहिए
जी आपके दोस्त जोशी जी ने मुझे आपको ₹10000 भुगतान करने के लिए कहा है।
अच्छा कौन जोशी जी.. मैंने पूछा
आपके दोस्त उन्होंने आपसे उधार लिए थे।
मैंने याद करने की कोशिश की लेकिन मुझे कुछ भी याद नहीं आया ।इसलिए मैंने पूछा.. भाई मुझे तो याद नहीं आ रहा कौन जोशी जी
उसने कहा.. सर जोशी जी ने ही मुझे बताया था इसलिए मैंने आपको फोन किया और मैं आपको उधार का भुगतान करना चाहता हूं.।
मै सोचने लगा लेकिन सोचने पर कुछ भी याद नहीं आया ..फिर सोचा कि मुझे वो भुगतान ही तो कर रहा हैं उसने क्या परेशानी हैं इसलिए मेने कहा ..ठीक है ..फिलहाल आप भुगतान कीजिए मैं याद करने की कोशिश करता हूं..
ठीक हैं सर मैं पहले आपको एक हजार रुपए का भुगतान करता हूं ..आपके खाते में आ जाए तो मुझे बताइए गा..उसने कहा
ठीक है आप भेजिए ..मेने जवाब दिया
मैंने फिर बहुत याद करने की कोशिश की लेकिन मुझे याद नहीं आया। फिर सोचा होगा कोई जोशी और लिए होंगे उसने उधार ....चलो कोई अगर भुगतान कर रहा है अपन को तो क्या अंतर पड़ता है
मोबाइल में मैसेज आ गया था और मेरे खाते मैं एक 1000 रुपए आ चुके थे।
फिर उसका फोन आया.. सर आपके खाते में पैसे आ गए क्या
हां आ गए.. मैंने कहा
सर अब मैं आपको बाकी के 9000 भेजता हूं.. लेकिन यह भुगतान मैं ऑन लाइन करूंगा ...फिर वह मुझे समझाने लगा
सर यह हेवी रकम हैं इसलिए मै रिस्क नहीं लूंगा। मै आपको एक लिंक भेजूंगा ।आप उसमे दो नंबर पर क्लिक करना.. रकम आपके खाते में पहुंच जाएगी ।
मेने कहा ..भाई मै यह सब कुछ नहीं जानता तुम ऐसा करो कि पहले की तरह रकम भेज दो ।
उसने कहा.. सर मै ऐसा नहीं कर पाऊंगा आप जानते हैं कि ऐसा करना रिस्की हैं ..लिंक ने कोई परेशानी नहीं होगी
वो लिंक भेजने के लिए सम झाने लगा ।
मेने कई बार कहा लेकिन वो लिंक भेजने पर अड़ा रहा।
मुझे उसकी बातों से कुछ गड़बड़ी की बू आने लगी ।लेकिन मेने ज्यादा सोचा नहीं ।
ठीक हैं आप लिंक भेजो ....मेने कहा
ठीक हैं सर ..
थोड़ी देर में मेरे मोबाईल पर लिंक आ गया ।स्क्रीन पर 9000 की रकम लिखी थी और नीचे दो बदन थे जिसमें एक में अस्वीकार और दूसरे में स्वीकार लिखा था। उसने मुझे दो पर क्लिक करने कों कहा था ।
यह देखकर मेरे चेहरे पर मुस्कान आ गई क्योंकि मैं समझ गया कि राकेश कालिया एक फ्रॉड व्यक्ति था। मेने उससे जरूर कहा था कि मै यह डिजिटल भुगतान के बारे में कुछ नहीं जानता लेकिन सच तो यह था कि मै डिजिटल भुगतना का विशेषज्ञ था ।संदेह तो मुझे पहले से था लेकिन अब यकीन हो गया ।फिर भी मै इसका आनंद लेना चाहता था।
दरअसल यह लिंक एक अनुरोध था कि मुझे आपके खाते से 9000 रुपए उधार चाहिए ।अगर मैं स्वीकार पर क्लिक करता तो मेरे खाते से ₹9000 निकलकर उस फ्राड व्यक्ति के खाते में चले जाते।
जो लोग डिजिटल तकनीक से अर्चित परिचित नहीं होते हैं उन्हें लगता है कि उन्हें ₹9000 भेजे जा रहे हैं। जिसे स्वीकार करने पर यह रकम उनके खाते में जमा हो जाएगी ।लालच में पढ़कर वे गलती कर बैठते हैं और अपनी रकम से हाथ धो बैठ ते है।
मेने अस्वीकार यानी पहले बटन पर क्लिक कर दिया ।तुरंत उसका फोन आ गया ...सर आपने क्या गड़बड़ कर दिया
मेने कहा ..तुमने जैसा कहा वैसा ही किया था .
उसने कहा.. नहीं सर आपने गलत बटन दबा दिया ।
मेने कहा.. भाई मेने तो पहले ही कहा था कि मै यह सब नहीं जानता
उसने कहा .यह तो आसान हैं आप क्लिक करना तो जानते ही होंगे ..... मै दुबारा लिंक भेजता हूं ..आप ध्यान से दो नंबर पर क्लिक कीजिएगा .. पैसा खाते में आ जाएगा ।
मेने कहा ..श्योर आ जाएगा ।
हां सर पक्का खाते में आ जाएगा ..
किसके खाते में .तुम्हारे खाते में ..मेने आखिर में पत्ता फेंक ही दिया
वो भी शायद समझ गया कि में उसको समझ गया हूं इसलिए वो चिल्लाने लगा
मेने कहा ..अबे तू मुझे ठगने चला था मेने ही तुझे ठग लिया
इस पर वो जोर जोर से बोलने लगा ओर बुरी बुरी गालिय देने लगा
मेरे होठों पर मुस्कान आ गई ..ये तो होना था ।उसका चीखना चिल्लाना और तड़पाना वाजिब था वो घायल सांप की तरह फूसकार मार रहा था ।क्योंकि मेने सांप की पूंछ में पांव जो रख दिया था । वो मुझे ठगना चाहता था और मेने ही उसे ठग लिया ।
मेरे खाते में 1000,/ आ चुके थे ।

Comments
Post a Comment