अ क्का जी और उनकी खामोशी

अक्का  जी और उनकी खामोशी  
  अक्का जी ख़ामोश कुर्सी पर बैठी हुई थी उनके हाथ में मोबाइल था ।मुझे देख कर  इशारा कर पास  बुलाया । मै उनके पास बैठा तो मुझे मोबाइल पकड़ा दिया । मै समझ नहीं  नहीं पाया ।पास बैठी अंजू ने कहा .ये फोटो देखने की कह रही हैं । अंजू ने मोबाइल की गैलरी में आक्का की फोटो दिखाई । फोटो देख कर मुझे झताजा लगा । अक्का कितनी बूढ़ी  दिखाई दे रही थी । मै अक्का  जी से पूरे 11 साल बाद मिला था ।मुझे याद आता हैं  जब  मैं यहां आकर  बीमार प ड गया था, तो अक्का  जी कितनी भाग दौड़ करती थी।.. पहली मंजिल पर दौड़ दौड़ कर आती थी और मेरा खयाल करती थी ।ओर अब ......
अक्का जी ने कहा ..तुमने अंजू का  गार्डन देखा ।
मेने कहा ..अभी नहीं लेकिन कल सुबह जरूर देखूंगा अक्का ने कहा ..अंजू ने सारा गार्डन बनवाया हैं बहुत  अच्छा हैं  । तुम जाकर देखो ।
अक्का के  चेहरे पर संतोष का भाव था ।
मेने कहा ..हां मुझे मालूम हैं.. मेने फेसबुक पर फोटो देखी थी 
अच्छा ..अक्का ने फिर खामोशी ओढ़ ली । 
 अक्का जी की  मजबूरी बढ़ गई हैं । अक्का जी को ठीक से  सुनाई नहीं देता ।अक्का जी को  ठीक से दिखाई नहीं देता  । अक्का जी ठीक से चल नहीं सकती  बिस्तर पर बैठना और उठ पाना  उनके बस में नहीं है। अक्का। जी की  देखभाल एक केयार टेकर करती हैं ।नाम है उसका मौसमी.
मौसमी उनकी देखभाल बड़े प्यार से करती हैं लगभग  दो साल से  उनके साथ हैं ।अंजू मंजुं भी उनकी देखभाल बड़े अच्छे तरह से करती हैं ।उनकी हर छोटी बात का खयाल  करती हैं ।संजू उनकी  सहायता करता हैं। अक्का जी को  कोई परेशानी ना  ही इसका  बड़ा ध्यान रखा जाता हैं ।
अक्का जी भी अपना स्नेह सभी पर उड़ेलती हैं उन्हे भ सबकी चिंता लगी रहती हैं ।
अभी 24 जून  को उनका जन्म दिन था  और उस  दिन वे बड़ी खुश थी ।में उन्हें जन्म दिन की बधाई देने गया तो उन्होंने  निर्विकार भव्व से मुझे देखा ।मेने कहां... हैप्पी बर्थ डे ।
उन्होंने जवाब दिया  थैंक यूं ।
मौसमी ने  उन्हें नहला दिया था और कुर्सी पर बैठा दिया था ।सामने टी वी चल रहा था ।अक्का जी उसे  देख रही थी 
मेने उनसे पूछा. कि नहा धो ली 
उन्होने सिर हिला दिया.. हां नहा धो ली
फिर कहा .. .देखो  आज मुझे नए कपड़े पहना दिए हैं ।
मेने कहा ...आज तुम्हारा जन्म दिन है ,ये तो बनता हैं 
अच्छा . अक्का जी  ने कहा और फिर खामोश हों गायी 
उस दिन शाम  केक काटते हुए वे चैतन्य थी ।उन्होंने  सभी को केक  खिलाया ।मुझे भी पास बुलाकर केक लेकर हाथ आगे बढ़ाया ।मेने केक हाथ में लेना चाहा तो उन्होंने इशारा किया कि वे खुद खिलाएंगी और आखिर मुझे अपने हाथो से केक खिलाकर ही उनका मन शांत हुआ ।
उन्हें मौसमी की भी याद आती कहा.. उसके लिए यह केक रख देना 
अंजू ने  कहा ..हां रखा दूंगी
लेकिन उन्हें संतोष नहीं हुआ वे बार बार दोहराती रही और  जब अंजू ने केक  रखा तो वे संतुष्ट हुई ।
अक्का सबको याद करती हैं 
जब मैं उनके पास आया तो उन्होंने  पूछा..लक्ष्मीनारायण केसे हैं ...
मैंने कहा...वे तो चले गए ऊपर 
अच्छा ..चेहरे पर कोई भाव नहीं आया ।
मेने फिर कहा .. लक्ष्मीनारायण  मर गए  ।
अच्छा ..
फिर पूछा ...कहां 
मेने कहा.. मद्रास में 
अच्छा .
.फिर कहा.. पूनम का हसबैंड भी ख़तम हों गए 
अरे केसे कब मुझे तो  नहीं मालूम  
हमें भी मालूम नहीं पड़ा  वो तो जब मुझे देखने आई तो उसने  बताया ।
अंजू मंजू ने बताया कि उनकी करोना से मृत्यु हुई हैं । अब उसके बेटे की शादी हैं 
अक्का जी के  सोने का समय हो गया था इसलिए मौसमी उन्हे सहारा देकर बिस्तर पर ले गई थी 
में फिर पुरानी यादों में खो गया  था
 अक्का जी को नियमित रूप से डॉक्टर देखने आता हैं।
एक फिजियो उन्हें शाम को कसरत करता हैं ।मंजू ने बताया कि  अक्का जी को  लकाव मार गया था ।अब काफी ठीक हैं लेकिन शरीर ने जवाब दे दिया है ।
 अक्का जी को  सवेरे नहा धुला कर मोदमी कुर्सी पर बैठा देती हैं। अक्का  जी खामोशी के साथ बैठी रहती हैं ..सामने टीवी चलता रहता हैं और वे टीवी देखती रहतीं हैं 
मै उनके पास बैठ जाता हूं और बाते करने की कोशिश करता हूं ।
अच्छाअक्का  टीवी दिखाई देता हैं 
नहीं ..उन्होंने हाथ के  इशारे से बताया 
अच्छा सुनाई तो देता होगा 
नहीं ..हाथो के इशारे से फिर कहा 
 अक्का जी को बोलने में तकलीफ होती है, इसलिए बड़ी।मुश्किल से बोल पाती हैं।ज्यादातर इशारों से बातें  करती हैं और  अधिकांश समय खामोश रहती हैं 
अक्का जी की यह खामोशी मुझे अच्छी नहीं लगती, लेकिन जानता हूं कि बढ़ती उम्र, बुढ़ापे और टूटते शरीर ने उनकी यह स्थिति बना दी है, मगर जब उनके चेहरे पर संतोष के भाव देखता हूं, तो मुझे अच्छा लगता है।
मैं भगवान से दुआ करता रहता हूं, अक्का जी हमेशा खुश रहे और उनका आशीर्वाद हम लोगों पर बना रहे।








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