कौन थी वो
आखिर कौन थी वो/
सड़क पर सन्नाटा था। एकदम सुनसान सड़क थी रात के दो बजे थे और मैं तेज रफ्तार से गाड़ी चला रहा था। मुझे घर पहुंचने की जल्दी थी। करीब 2 महीने बाद मैं घर वापस जा रहा था। मुझे घर की याद आ रही थी।तभी मैंने देखा दूर एक जवान लड़की हाथ के सारे से कार रोकने का इशारा कर रही थी। उसे देखकर मैं चौका जरूर लेकिन मैंने ज्यादा सोचा नहीं। मैंने पास पहुंचकर कार रोक दी और खिड़की खोल कर पूछा... कहिए
उसने सीधे कहां... क्या मुझे आगे मंदिर से पहले छोड़ देंगे.
मैंने कुछ नहीं कहा बल्कि हाथ बढ़ाकर कार का दरवाजा खोल दिया. वह चुपचाप आकर मेरे पास बैठ गई .मैंने कार स्टार्ट की और फिर कार रफ्तार से भागने लगी।.
मंदिर यहां से कॉफी दूर था और वहां तक का सफर लगभग 2 घंटे का था।. मैं इस रास्ते से अच्छी तरह वाकिफ था और अक्सर इस सड़क से आया जाया करता था.
मेरे मन में इस लड़की को लेकर तमाम तरह की बातें उमड़ा रही थी और मैं उसी के बारे में सोच रहा था तभी उसने कहा.. मेरी वजह से आपको कोई तकलीफ तो नहीं हो रही.
मैंने कहा... तकलीफ कैसी तकलीफ।
यही कि आधी रात सुनसान सड़क पर एक जवान लड़की आपसे लिफ्ट मांगती है ।
मैंने कहा... हां मैं चौका जरूर, लेकिन सोचा कोई मजबूरी होगी= वैसे मैं आपकी हिम्मत की दाद देता हूं, आपको डर नहीं लगा।
मेरी बात पर वह जोरो से हंसी फिर बोली ..डर कैसा डर
यही कि अकेली जवान लड़की को देखकर...
किसी का मन मचल जाए.. उसने मेरे वाक्य को पूरा किया
मैं चुप रहा लेकिन उसने आगे कहा.
मुझे इससे कोई फर्क नहीं पडता बल्कि मेरी तो प्यास बुझती है और मेरा खून बढ़ जाता है।।
बड़ी अजीब लड़की है आप। कोई जबरदस्ती करें तो भी आपको फर्क नहीं पड़ता ।
नहीं पड़ता है ...उसने जोर देते हुए कहा।
आप बातें अच्छी बना लेती है मैम... मैंने कहा।
मैं बातें नहीं बना रही बल्कि सच्चाई बता रही हूं। मैं बहुत ज्यादा प्यासी हूं अगर आठ दस लोग हो तो मेरी प्यास फिर भी नहीं मिटती मगर मेरा खून जरूर 10 गुना बढ़ जाता है।
उसकी बातें अजीब थी और मैं समझ गया निश्चित ही यह लड़की मानसिक रूप से ठीक नहीं है। इसलिए मैं चुपचाप कार ड्राइव करने लगा।
लेकिन वह चुपचाप नहीं बैठी उसने अपनी बात जारी रखी
सुनो मेरा नाम निर्मला है, और मुझे लोग निम्मो कहते है। तुम भी मुझे निम्मो कह सकते है।
अच्छा मैंने धीरे से जवाब दिया
अच्छा तुम्हारा नाम क्या है
राजेश मैंने जवाब दिया
बड़ा अच्छा नाम है ।मुझे पसंद है, लेकिन मैं तुम्हें राजू कहूंगी।
ठीक है... लेकिन हमारा सफर बस अब थोड़ी देर का और है .. आप जो चाहे सो कहलें ...क्या फर्क पड़ता है
मुझे अब दूर से मंदिर की रोशनी दिखाई देने लगी थी.
मेरी बात का उसने कोई जवाब नहीं दिया. वह खामोश ही रही
थोड़ी देर खामोश रहने के बाद उसने कहा.. आप बहुत हैंडसम है, मुझे पसंद है।
मैं खामोश रहा
उसने कहा.. तुम मुझे पसंद हो क्या मुझे देख कर तुम्हारा मन नहीं मचलता।
नहीं ....मैंने तनिक जोर देकर कहा.. मुझे घर पहुंचने की जल्दी है और फिर तुम्हारी मंजिल सामने ही है.।
मंदिर धीरे धीरे पास आने लगा था
अचानक उसने चिल्ला कर कहा ..राजू कार रोको
मैंने कार रोक दी... शायद उसे कोई परेशानी हो
कार रुकते हैं उसने अपने चेहरे से दुपट्टा हटा दिया और मेरी तरफ देखने लगी। मैं उसकी खूबसूरती देखकर उसे देखता की रह गया। वह बेहद खूबसूरत थी। किसी का भी मन उसे देख कर मचन सकता था।
उसने कहा... राजू क्या मैं इतनी बदसूरत हूं कि तुम मुझे प्यार नहीं कर सकते ।
मैं उसे एकटक देख रहा था उसकी आंखों में एक अजीब सी चमक थी। मैं जैसे सम्मोहित हो गया था। मैं अपना होश खो बैठा था और वही करने लगा जो वह चाहती थी।
राजू मेरे पास आओ ..मुझे प्यार करो
और फिर उसने अपने दोनों हाथ आगे बढ़ा दिए
मैं उसकी ओर बढ़ने लगा
तभी अचानक फोन की घंटी बजने लगी मैं जैसे नींद से जागा ।उसका सम्मोहन टूट गया।
फोन पत्नी का था । वह घबराई हुई थी ।उसने कहा मुन्ना बहुत रो रहा है तुम जल्दी घर आ जाओ
मुन्ना की बात सुनकर मेरा मन खराब हो गया और फिर न जाने क्या दिमाग मैं आया...मैंने का स्टार्ट कर दी।
कार तेजी से आगे बढ़ने लगी
यह देख वो लड़की फिर जोरों से चिल्लाई.. राजू यह क्या कार क्यों स्टार्ट कर दी
मैंने उसकी बात अनसुनी कर दी और सीधे मंदिर के पास आकर कार रोकी
मैम उत्तर जाइए आपकी मंजिल आ गई।
लेकिन मुझे कोई जवाब नहीं मिला तो मैंने देखा कार में कोई नहीं था।
अरे कहां गई वह लड़की। मैंने तो उतरते नहीं देखा और फिर चलती कार में वह कैसे उतर सकती है।
मेरी खोपड़ी घूमने लगी। मुझे चक्कर आने लगे । आखिर कौन थी वह लड़की
जवाब मुझे मंदिर के पुजारी ने दिया जो मेरी खराब हालत देखकर मुझे मंदिर के चबूतरे पर ले आए थे।
बेटा वह एक पिशाचिनी थी। जो खून पीकर अपनी प्यास बुझाती थी ।तुम भाग्यवान थे जो बच गए। तुम्हें बाबा ने बचा लिया।
मैं आंखें फाड़ कर पुजारी जी को देख रहा था।
उसने कहा ...अब चिंता की कोई बात नहीं है ..हनुमान जी का टीका तुम्हारी रक्षा करेंगा
पुजारी जी ने मेरे माथे पर हनुमान जी का टीका लगा दिया।

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